सुदर्शन हवन एक प्रकार का हवन है जो किसी विशेष प्रकार के यज्ञाग्नि के द्वारा आयोजित किया जाता है, जिसमें सुदर्शन चक्र की मूर्ति को पूजा और हवन किया जाता है। सुदर्शन चक्र भगवान विष्णु के एक महत्वपूर्ण प्रतीक होते हैं और उनके विभिन्न अवतारों में इसका महत्वपूर्ण योगदान होता है।
सुदर्शन हवन के दौरान निम्नलिखित चरण होते हैं:
- पूजा स्थापना: सुदर्शन हवन के पूर्व, सुदर्शन चक्र की मूर्ति को विशेष रूप से सजाकर स्थापित किया जाता है।
- हवन की सामग्री: हवन करने के लिए विभिन्न सामग्री तैयार की जाती है, जैसे कि घी, साबुत दाना, अग्नि, यज्ञशाला, यजमान, अचामनीय, समिधा, संग्रहणी, आदि।
- हवन क्रिया: पूजा अर्चना के बाद, पंडित या यजमान सुदर्शन चक्र की पूजा करते हैं और हवन करते हैं, जिसमें अग्नि में सामग्री को डालते हैं और मन्त्रों का जाप करते हैं।
- पूजा और आरती: हवन के बाद, सुदर्शन चक्र की पूजा की जाती है और उनकी आरती दी जाती है।
- प्रसाद और ब्रह्मण भोजन: पूजा के बाद, प्रसाद वितरित किया जाता है और ब्रह्मणों को भोजन की व्यवस्था की जाती है।
सुदर्शन हवन का उद्देश्य भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र की पूजा करना और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करना होता है। यह पूजा प्रथा विशेष रूप से विष्णु पूजा के दौरान की जाती है और भगवान विष्णु के शक्तिशाली प्रतीक सुदर्शन चक्र की महिमा को प्रमोट करती है।