शनि चंद्र विष योग एक अशुभ योग होता है जो ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व रखता है। इस योग में ग्रह शनि और चंद्रमा एक साथ युति करते हैं और इसका मानव जीवन पर नकारात्मक प्रभाव होता है। यह योग किसी भी जातक के जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं को उत्पन्न कर सकता है, जैसे कि स्वास्थ्य समस्याएं, विपत्तियाँ, विपरीत परिस्थितियाँ, आदि।
शनि चंद्र विष योग पूजा की प्रक्रिया में निम्नलिखित तरीके का पालन किया जा सकता है:
- पूजा स्थल की तैयारी: एक शुद्ध और पवित्र स्थल को पूजा के लिए तैयार करें।
- शनि चंद्र मूर्तियों की स्थापना: शनि और चंद्रमा की मूर्तियाँ या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
- पूजा सामग्री: शनि चंद्र विष योग पूजा के लिए विभिन्न पूजा सामग्री तैयार करें, जैसे कि पुष्प, दीपक, धूप, आरती सामग्री, आदि।
- पूजा और अर्चना: शनि और चंद्रमा की पूजा और अर्चना करें, उन्हें पुष्प, दीपक, धूप, आदि से पूजें।
- मंत्र पाठ और जाप: शनि चंद्र विष योग पूजा के लिए विशेष मंत्रों का पाठ करें और उनका जाप करें।
- हवन: यज्ञकुंड में हवन करें और मंत्रों का जाप करें, जो योग के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
- प्रार्थना और आरती: पूजा के अंत में शनि और चंद्रमा