श्री सत्यनारायण पूजा" हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पूजा है जो विष्णु भगवान के स्वरूप "सत्यनारायण" की उपासना के लिए की जाती है। यह पूजा उपासना, ध्यान, व्रत और कथा के रूप में मनाई जाती है और विशेष रूप से पूर्णिमा तिथियों पर की जाती है।
सत्यनारायण पूजा में चार मुख्य अंग होते हैं:
- कथा (Story): पूजा के दौरान "श्री सत्यनारायण कथा" की पढ़ाई जाती है, जिसमें भगवान के अवतार, लीलाएं, और उनके भक्तों की कथाएं होती हैं। यह कथा धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण होती है।
- पूजा (Worship): पूजा के दौरान भगवान सत्यनारायण की मूर्ति की पूजा की जाती है, जिसमें अलंकरण, आरती, प्रासाद वितरण आदि शामिल होते हैं।
- ध्यान (Meditation): पूजा के समय भगवान की ध्यान और मनन किया जाता है, जिससे भक्त का मानसिक और आध्यात्मिक संवर्धन होता है।
- व्रत (Vow): यह पूजा व्रत के रूप में भी मनाई जा सकती है, जिसमें विशेष नियमों और आहार-विहार की पालन की जाती है।
सत्यनारायण पूजा के द्वारा व्यक्ति अपने आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण को स्थायी बनाने का प्रयास करता है, और उन्हें सत्य, शुभ, और पवित्र जीवन जीने की मार्गदर्शन मिलती है।