रुद्राभिषेक एक पूजा प्रथा है जिसमें भगवान शिव की मूर्ति को जल या दूध के साथ स्नान कराया जाता है। यह पूजा भगवान शिव के शक्तिशाली और अनुग्रहकारी रूप की महिमा को प्रमोट करती है और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का प्रयास करती है।
रुद्राभिषेक के दौरान निम्नलिखित चरण होते हैं:
रुद्राभिषेक का उद्देश्य भगवान शिव के शक्तिशाली और अनुग्रहकारी रूप की पूजा करना है और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का प्रयास करना है। यह पूजा प्रथा भगवान शिव के महत्वपूर्ण रूप के समर्पित है और उनके दयालु और उपकारक स्वरूप को प्रमोट करने के लिए की जाती है।
नोट : पंडित जी की आकाशीय वृत्ती होती है इसको ध्यान में रखते हुए पूजा बुकिंग करते समय यह ध्यान दें पूजा बुक होने के पश्चात किसी भी प्रकार का कोई रिफंड नहीं किया जाएगा
यह सभी पूजा बुकिंग की निर्धारित दक्षिणा केवल वाराणसी मे मान्य है अन्यत्र शहर मे पूजा बुकिंग हेतु दक्षिणा बढ़ जाएगी |