"माता का जागरण" एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक प्रथा है जिसमें देवी माता की पूजा और उनके उपासना का आयोजन किया जाता है। यह प्रथा भारत और नेपाल जैसे कई देशों में माता की भक्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और विभिन्न अवसरों पर किया जाता है।
माता का जागरण अक्सर विशेष पर्वों, त्योहारों, नवरात्रि आदि के मौकों पर किया जाता है। इसमें एक स्थानीय स्थल पर माता की मूर्ति के सामने संगीत, भजन, कीर्तन, और भक्तिगीतों का आयोजन किया जाता है। भक्तों की भागीदारी में आवश्यक समाग्री और प्रसाद तैयार किया जाता है, जिन्हें बाद में सभी को वितरित किया जाता है।
माता का जागरण में भक्ति, श्रद्धा और समर्पण की भावना को महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एक आध्यात्मिक अनुभव होता है जिसमें भक्त माता के दिव्य शक्तियों के साक्षात्कार को महसूस करते हैं और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करते हैं।
माता का जागरण एक सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजन होता है जिसमें लोग आपसी मित्रता और समरसता की भावना को मजबूत करते हैं और धार्मिकता की आदर्श प्रतिष्ठा करते हैं। यह उनके आध्यात्मिक और मानसिक संवर्धन में मदद करता है और उन्हें समाज में अच्छे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।