महा शिवरात्रि हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें भगवान शिव की पूजा की जाती है। यह त्योहार हर साल फाल्गुण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, जो कि आमतौर पर फरवरी या मार्च महीने में होती है।
महा शिवरात्रि के दौरान निम्नलिखित चरण होते हैं:
- जागरण: भगवान शिव की पूजा की शुरुआत में भक्त रात भर जागरण करते हैं। वे भजन, कीर्तन, ध्यान और पूजा के माध्यम से भगवान की भक्ति करते हैं।
- शिवलिंग की पूजा: शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के शिवलिंग की पूजा की जाती है। शिवलिंग पर जल, दूध, धनिया, बेलपत्र, मिठाई आदि की चढ़ावन की जाती है।
- अभिषेक: भगवान के मूर्ति पर जल, दूध, गंध, शहद आदि से अभिषेक किया जाता है, जिससे उनकी पूजा का महत्व और गहराई में बढ़ता है।
- व्रत और उपवास: कुछ लोग शिवरात्रि के दिन निराहार उपवास रखते हैं, जिसमें वे पूरे दिन भोजन नहीं करते हैं।
- भजन और कीर्तन: शिवरात्रि के दिन भक्त भगवान शिव के भजन और कीर्तन करते हैं, जो उनकी महिमा और शक्तियों की महत्वपूर्ण प्रतिष्ठा को प्रकट करते हैं।
- वेदांतिक सत्संग: कुछ स्थानों पर, महा शिवरात्रि के दिन वेदांतिक सत्संग आयोजित किया जाता है, जिसमें धार्मिक भाषण, वेदांतिक प्रवचन और आध्यात्मिक चर्चा की जाती है।
महा शिवरात्रि का यह त्योहार भगवान शिव की पूजा, भक्ति और आध्यात्मिकता के लिए एक महत्वपूर्ण मौका होता है। यह त्योहार उनकी कृपा, शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर माना जाता है।