कालसर्प दोष पूजा एक हिन्दू धार्मिक प्रथा है जो विशेष रूप से नाग दोष या कालसर्प योग के कारण जातकों के जीवन में अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए की जाती है। कालसर्प दोष ज्योतिष शास्त्र में मान्यता प्राप्त है और इसका मतलब होता है कि जन्मकुंडली में राहु और केतु ग्रह एक कुंडली में साथ होते हैं और वे सर्प के रूप में प्रकट होते हैं।
कालसर्प दोष पूजा की प्रक्रिया में निम्नलिखित तरीके का पालन किया जा सकता है:
कालसर्प दोष पूजा की प्रक्रिया में विशेष धार्मिक नियमों और परंपराओं का पालन करना महत्वपूर्ण होता है। आपकी स्थिति और आवश्यकताओं के आधार पर स्थानीय पंडित या आचार्य से सलाह लेना उचित होगा
नोट : पंडित जी की आकाशीय वृत्ती होती है इसको ध्यान में रखते हुए पूजा बुकिंग करते समय यह ध्यान दें पूजा बुक होने के पश्चात किसी भी प्रकार का कोई रिफंड नहीं किया जाएगा
यह सभी पूजा बुकिंग की निर्धारित दक्षिणा केवल वाराणसी मे मान्य है अन्यत्र शहर मे पूजा बुकिंग हेतु दक्षिणा बढ़ जाएगी |