सीता जी की आरती
सीता बिराजथि मिथिलाधाम सब मिलिकय करियनु आरती।संगहि सुशोभित लछुमन-राम सब मिलिकय करियनु आरती।।
विपदा विनाशिनि सुखदा चराचर,सीता धिया बनि अयली सुनयना घरमिथिला के महिमा महान...सब मिलिकय करियनु आरती।।सीता बिराजथि...
सीता सर्वेश्वरि ममता सरोवर,बायाँ कमल कर दायाँ अभय वरसौम्या सकल गुणधाम.....सब मिलिकय करियनु आरती।। सीता बिराजथि...
रामप्रिया सर्वमंगल दायिनि,सीता सकल जगती दुःखहारिणिकरथिन सभक कल्याण...सब मिलिकय करियनु आरती।। सीता बिराजथि...
सीतारामक जोड़ी अतिभावन,नैहर सासुर कयलनि पावनसेवक छथि हनुमान...सब मिलिकय करियनु आरती।।सीता बिराजथि...
ममतामयी माता सीता पुनीता,संतन हेतु सीता सदिखन सुनीताधरणी-सुता सबठाम...सब मिलिकय करियनु आरती ।। सीता बिराजथि...
शुक्ल नवमी तिथि वैशाख मासे,’चंद्रमणि’ सीता उत्सव हुलासेपायब सकल सुखधाम...सब मिलिकय करियनु आरती।।
सीता बिराजथि मिथिलाधाम सब मिलिकय करियनु आरती।।।
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